शनिवार, 21 नवंबर 2009

बुरी नजर से बचाता है मूंगा

 बुरी नजर से बचाता है मूंगा मूंगा पहनने का प्रचलन सदियों पुराना है। यह रत्न खनिज न होकर एक कार्बनिक पदार्थ है। इसकी उत्पत्ति छोटे-छोटे समुद्री बहुपाद प्राणी कोरिलिकम से निकलने वाले द्रव्य से होती है। यह अपारदर्शकता के साथ सभी रंगों में आता है, किंतु भारतीय ज्योतिष में लाल व सफेद मूंगा का महत्व है। इसकी सतह चिकनी होती है। इसका सर्वाधिक उपयोग राशि रत्न, आभूषण एवं सुशोभित वस्तुओं में होता है। सामान्यत: इसके ऊपर लकड़ी की सतह पर पड़ने वाली आकृति दिखती है, इसे इंग्लिश में कोरल व संस्कृत में प्रवालक नाम से जाना जाता है।
मूंगा भारतीय ज्योतिष में मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। शक्ति उपासना में मूंगे का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इसे धारण करने से बुरी नजर नहीं लगती। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से रक्त उत्सर्जन ग्रंथियों को नियंत्रित कर नाड़ी दुर्बलता का नाश करता है।

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