शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009

ज्योतिष और विज्ञान

सूर्य इस दिन धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है। यह राशि उनके पुत्र शनि की राशि है। पिता-पुत्र में मैत्रीभाव नहीं है मगर घर आए पिता का सम्मान सवरेपरि है। काल पुरुष की कुंडली में मकर दशम भाव है।

अगर कुंडली का ग्लोब का प्रतीक मानें तो यह राशि दक्षिण दिशा की द्योतक है। चूंकि ज्योतिष पृथ्वी के सापेक्ष पूरे अंतरिक्ष (नौ ग्रहों और १२ तारामंडलों) का अध्ययन है, इसलिए इसमें सभी १२ संक्रांतियां, जब सूर्य राशि बदलता है या अन्य ग्रहों की संक्रांतियां भी अपना समान महत्व रखती हैं।

सूर्य प्रतिदिन करीब एक अंश आगे बढ़ता है और पूरे वर्ष में सभी 12 राशियों से गुजरते हुए 360 डिग्री का चक्र पूरा करता है। इस तरह जब यह उत्तर की ओर बढ़ता है तो इसका स्थिति बल भी भारत के लिए बढ़ता जाता है।

सूरज का सच पृथ्वी से दूरी

१४९६ङ्ग१क्११मी.

प्रकाश वर्ष में दूरी

८.३१ मिनट

गुरुत्वाकर्षण २७.९४

तापमान सतह ५७७८ च्य

किनारे १५७ङ्ग१क्६ च्य

भ्रमणकाल २५.२८ दिन

भ्रमण वेग ७२८४ङ्ग१क्३किमी/घं व्यास १३९२ङ्ग१क्९ मी. (पृथ्वी से 109 गुना)

द्रव्यमान १९८९१ङ्ग१क्३क् किग्रा. (पृथ्वी से 332946 गुना)

घनत्व १४१२२ङ्ग१क्२७ मी.३. (पृथ्वी से 1300000 गुना)

इनसे बना है सूरज

हाइड्रोजन 73.46

हीलियम 24.85

ऑक्सीजन 0.77

कार्बन 0.29

आयरन 0.16

सल्फर 0.12

नियोन 0.12 नाइट्रोजन 0.09

सिलिकन 0.07

मैग्नीशियम 0.05

गैलीलियो से पहले यह समझा जाता था कि सूर्य पृथ्वी का चक्कर काटता है। नया विचार देने के लिए गैलीलियो को दंडित किया गया था।

सूर्य से जुड़े मिथक नौका पर सवार सूर्य : प्राचीन मिस्र में यह मिथक था। सूर्य की नौका को ‘खूफू शिप’ कहा जाता था। गीजा के विशाल पिरामिड में इसे दर्शाया गया है। मिथक के अनुसार भगवान ‘रा’ ४३.६ मीटर लंबी अपनी नौका में एक भूमिगत नदी से रोज रात को पश्चिम से पूर्व की ओर आते हैं और अगले दिन पूर्व से उदय होते हैं।

सूर्य का रथ :

इंडो यूरोपीय संस्कृति में सूर्य को रथ पर सवार माना गया है। भारतीय मिथक के अनुसार इसके रथ में सात घोड़े जुते हैं।

चीन का मिथक :

शुरू में आकाश में १क् सूर्य थे। तब दुनिया बहुत गर्म थी। एक नायक होयू यी ने अपने धनुष-बाण से ९ सूरजों को नष्टकर दुनिया को रहने लायक बनाया।

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