गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

मानसिक तनाव और कारण

किसी भी मनुष्य के जीवनकाल में उसका स्वास्थ्य और बीमारी इस बात पर निर्भर करती है कि दूसरे घर के ग्रह आठवें घर को बचाने में कितने सक्षम हैं। आठवें घर के ग्रह सदैव वक्र दृष्टि से दूसरे घर को देखते हैं। दूसरा घर आठवें घर का द्वार है। आठवें घर से ही रोग व मृत्यु का निर्धारण किया जाता है, साथ ही साथ दूसरे, छठे, बारहवें घर का भी विश्लेषण किया जाता है।

वषर्फल में तीसरे व पांचवे घर में आने वाले ग्रह स्वास्थ्य, फिजूलखर्च, धन की प्राप्ति और मृत्यु को बताते हैं। भले ही दूसरे घर का ग्रह मृत्यु को रोकने वाला हो फिर भी ग्यारहवे घर का ग्रह धोखा देगा और आठवां मृत्यु का कारक होगा। पांचवां घर टकराव के लिए तथा बारहवां व तीसरा घर बीमारी तथा मृत्यु के फैसले के लिए न्यायाधीश होगा।

रक्त से संबंधित जो रोग हैं वे रक्त का प्रवाह असंतुलित होने या रक्त में प्रदूषण के कारण होते हैं। रक्त से संबंधित रोग हीमोग्लोबिन कम होना, इंसोमेनिया, हाइपरटेंशन, कैंसर, ट्यूमर, हार्टअटैक, हैपेटाइटिस आदि हैं। यहां तक कि मधुमेह भी मंगल व शुक्र का संबंध असंतुलित होने के कारण होता है। जब भी किसी व्यक्ति को इन रोगों के कारण परेशानी होती है, मंगल ग्रह का सही विश्लेषण हम दो स्थिति में कर सकते हैं।

कुंडली का पहला घर यानी एक नंबर राशि में मंगल शुभ होता है और अक्सर राजयोग कारक होता है। पर वृश्चिक राशि यानी आठवीं राशि का मंगल मारक होता है अर्थात मंगल बद होता है। किसी कुंडली में मंगल के साथ, बृहस्पति या चंद्र हो तो मंगल बद नहीं होता है। शुभ मंगल शुभ फल देता है और अगर कुंडली में मंगल शुभ है और उसके साथ बृहस्पति, सूर्य अथवा चंद्र शुभ फल दे रहे हैं तो ऐसा व्यक्ति अक्सर शासक होता है।

चंद्र का संबंध मन से है। चंद्र पानी भी है, इसी प्रकार यदि मंगल, चंद्र दोनों में से कोई दूषित है तो निश्चित ही मनुष्य रक्तचाप, हाइपरटेंशन से पीड़ित होगा। सूर्य, बुध की युति व दृष्टि से हो या साथ-साथ होने से वही फल देगी जो अकेला मंगल देता है और सूर्य अथवा बुध इनमें से कोई एक दूषित अथवा अशुभ है और चंद्र से संबंध हो जाता है तो निश्चित ही जातक को मानसिक तनाव, रक्तचाप अथवा हार्टअटैक होगा।

इसको दूर करने के लिए कुंडली का पूर्ण विश्लेषण करें और यह देखें कि चंद्र व मंगल में से कौन सा ग्रह अशुभ फल दे रहा हैे। इसी आधार पर सूर्य, बुध की युति से मंगल बन रहा है और उसका चंद्र से संबंध हो गया है तो कहीं ने कहीं दोष होने से उपरोक्त बीमारियां मनुष्य को घेर सकती है।

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