शनिवार, 21 नवंबर 2009

भूमि पर शयन करने से भाग्य में वृद्धि - डॉ. अमित व्यास

प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग आधा घंटे के लिए फर्श पर (जिस पर किसी प्रकार का कारपेट न बिछा हो) जरूर सोना चाहिए। यह सर्वविदित तथ्य है कि पृथ्वी एक चुंबक है। चुंबकीय सिद्धांत के अनुसार हर पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना होता है। इन्हें चुंबकीय अणु कहते हैं। भौतिक शास्त्री बेवर के सिद्धांत से यह भी सिद्ध होता है कि चुंबक की तरह ही चुंबकीय अणु में भी उत्तर और दक्षिण दो ध्रुव होते हैं।
उसका व्यवहार भी चुंबक की तरह ही होता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि पृथ्वी का प्रत्येक कण चुंबकीय गुणों से भरा होता है। चुंबकीय तत्व आयनीकरण का कारक होता है। हमारा रक्त लौह तत्व से युक्त होता है। विज्ञान के आधार पर कहा जा सकता है कि पृथ्वी के अधिकाधिक संपर्क में रहने वाला व्यक्ति पृथ्वी के चुंबकत्व को ग्रहण करता है। उसमें ऋण आवेशित आयन्स की वृद्धि होती है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग आधा घंटे के लिए फर्श पर जरूर सोना चाहिए। पीठ या शरीर का ज्यादातर हिस्सा जमीन से लगा रहना चाहिए। ऐसा करने से ये फायदे होते हैं।
शरीर में विशेष प्रकार की ऊर्जा का विकास होता है। उसमें रोगाणुओं के प्रति प्रतिरोध उत्पन्न होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।
शरीर में विशिष्ट प्रकार की स्फूर्ति का विकास होता है। मस्तिष्क में उदासीनता और खिन्नता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है और मस्तिष्क प्रफुल्लित बना रहता है।
एन चुंबक का उत्तर ध्रुव
एस चुंबक का दक्षिण ध्रुव
 शरीर में इस प्रकार के सूक्ष्म आयन विकसित हो जाते हैं। ये अन्य ग्रहों से आने वाले ऋणात्मक विकिरणों का शमन करने में सक्षम होते हैं। इस प्रकार व्यक्तिपर किसी भी ग्रह से होने वाली पीड़ा में कमी आती है। इससे सेहत अच्छी रहती है। शरीर का भी विकास होता है। जमीन पर नंगे पैर चलने से भी फायदा होता है।

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